हिन्दुत्व का कार्ड भाजपा को चुनाव जीता पायेगा-
hindu dhrm sadhus |
बीते दिनों अपनी चुनावी रैलियों का संबोधन करते हुए,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हिंदुत्व की राजनीति को लेकर काफी आक्रामक होते दिख रहे हैं।जहां तक बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है तो उन्होंने एकाएक अपने संबोधनों को राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र से हिन्दुत्व की ओर मोड़ दिया है।हाल ही में अपनी मुंबई रैली से पहले की गई सभी रैलियों में उनका मुख्य एजेंडा राष्ट्रीय एकताही था।लेकिन मुंबई और फिर उसके बाद वर्धा में की गई अपनी रैली में उन्होंने हिंदुत्व का राग अलापना शुरू कर दिया।अमित शाह शुरू से ही अपनी बंगाल की रैलियों से हिंदुत्व की राजनीति को मुख्य एजेंडा बनाकर चल रहे हैं।उन्होंने बार बार अपनी बंगाल की रैलियों में ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया हैतथा भाजपा को हिन्दुओंके लिए एक उपयुक्त पार्टी बताकर उन्होंने कांग्रेस को खारिज कर दिया।और जहां तक बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है तो उन्हें भाजपा प्रारंभ से ही भाजपा का हिंदुत्व का चेहरा बना कर चुनावी मैदानों पर उतार रही है।अपनी रैलियों में वो अक्सर कांग्रेस पर हिन्दुत्व विरोधी होने का आरोप लगाते आए हैं।इससे पहले योगी आदित्यनाथ अपनी एक चुनावी रैली को लेकर काफी चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने एक हिन्दू देवता की जाति का संबोधन किया था।योगी आदित्यनाथ को भाजपा काप्रमुख हिन्दूवादी चेहरा माना जाता है।भाजपा ने जिस तरह राष्ट्रीयता से हिन्दुत्व की ओर यूटर्न लिया है,वह उसके लिए कितना फायदेमंद रहेगा इसको लेकर राजनीतिक चिंतकों में काफी शंका है।यदि बात करें 2018 में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों कीतो वहां भी भाजपा ने प्रमुख रूप से अपना हिन्दुत्व का ही चेहरा उजागर किया था और हिन्दुत्ववादी एजेंडे को लेकर हि अपने चुनावी अभियान किए थे।उसने चार राज्यों मणिपुर मध्य प्रदेश राजस्थानऔर छत्तीसगढ़ में सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेला था जबकि उसने तेलंगाना में एक अति हिन्दूवादी चेहरा उजागर करने का प्रयास किया था और योगी आदित्यनाथ कीसबसे ज्यादा रैलियां तेलंगाना में ही आयोजित की गई थी,लेकिन अन्य चार राज्यों के मुकाबले तेलंगाना में भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा और वह केवल एक सीट में सिमटकर रह गई।यदि बात करें कांग्रेस की तो वो भी हिंदुत्व का कार्ड खेलने में पीछे नहीं हैराहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक सभी मंदिरों का चक्कर लगाने और लाइव फोटो खिंचवाने सेपरहेज नहीं कर रहे हैं वो हर तरह से जनता को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हिन्दू कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित है।बहुसंख्यकों का विश्वास जीतने के लिए कांग्रेसी अक्सर मंदिरों का चक्कर लगाते हैं अपने जनेऊ का प्रदर्शन करते हैं और नदियों की पवित्रता की बात उठा कर वो हर तरह से हिन्दुओं को अपनी ओर करना चाहते हैं।लेकिन अतीत की कुछ ऐसी बातें हैं जिनको लेकर जनता अभी भी कांग्रेस को संदेह भरी निगाहों से देखती है।
the flags of BJP and Congress |
लेकिन जहां तक बात दो हजार उन्नीस के लोकसभा चुनावों की है तो भाजपा का ये यू टर्नउसके लिए कितना फायदेमंद होगा यह तो पता चुनाव परिणाम आने के बाद ही लगेगा। लेकिन एक बात तो साफ है हिन्दू -मुस्लिम,अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक की राजनीति कभी भी देश के लिए फायदेमंद नहीं हो सकती चाहे वोकांग्रेस भाजपा या अन्य किसी पार्टी द्वारा ही क्यों न की जा रही हो।