“यदि आप वही करते हैं, जो आप हमेशा से करते आये हैं तो आपको वही मिलेगा, जो हमेशा से मिलता आया है!!” — टोनी रॉबिंस

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चलो विधायक या संसद बनते हैं.....🤔


बात है 2010 की जब इन सांसदों की सैलरी में 3 गुना बढ़ोतरी की गई थी,फिर 2015 में इनकी सैलरी में इजाफे के लिए फिर लोकसभा में एक बिल रखा गया वह भी उन सांसदों के लिए जिन्होंने अपने क्षेत्र और देश के लिए कुछ करने को सोचा ही नहीं,

इसके बाद 2018 में 2 फरवरी को लोकसभा में इस पर चर्चा की और जल्द ही इसे पारित भी कर दिया गया जिससे 1 अप्रैल 2018 से इनकी सैलरी 140000 से बढ़कर 280000 तक हो गई मतलब कि सीधे दोगुनी हो गई .

इन की बेसिक सैलरी 50000 से बढ़कर सीधे एक लाख कर दी गई

इनका निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 2015 में बढ़े हुए क्षेत्रीय भत्ते 45 हजार से बढ़ाकर 90000 हो गया

इनके ऑफिस का जो खर्च मिलता था 45000 जो 2015 में बढ़ाया गया था वह 90000 हो गया, और फर्नीचर खर्च जो 5 साल में एक बार ही सरकार देती है वह 75000 से सीधे 100000 हो गया|

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यहां भारतीय लोकसभा में 543 सांसद होते हैं और इस लोक सभा को 1 घंटे चलाने के लिए
करीब डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आता है और यह पैसा जनता के टैक्स से ही तो मिलता है ,
बात हो रही है 16वीं लोकसभा की जिसमें 443 सांसद करोड़पति हैं और इन सभी सांसदों की औसत संपत्ति 14.70 करोड़ है,

हमारे यहां के सांसदों को सिर्फ सैलरी ही नहीं उन्हें सारी सुविधाएं जैसा कि यात्रा भत्ता निर्वाचन भत्ता यहां तक कि ऑफिस के खर्च के लिए और फर्नीचर खर्च भी लॉन्ड्री खर्च भी मिलता है और उन्हीं सांसदों के लिए जो सांसद काम से दूर-दूर तक नाता नहीं रखते हैं और संसद भवन पर सिर्फ हंगामे के उद्देश्य से आते हैं उन्हें भारत सरकार को संसद भवन में बैठाने के लिए भी प्रतिदिन ₹4000 देना पड़ता है जो कि 2015 तक सिर्फ ₹2000 प्रति दिन था सड़क से यात्रा के लिए 16 प्रति किलोमीटर के हिसाब से इनको भत्ता दिया जाता है ,

और आपको बता दें हर सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ दिए जाते हैं जिसे MPLAD फंड कहते हैं,  जो कि आखिर के 2014 और 15 के दौरान MPLAD फंड के तहत जारी सिर्फ 5.4% रकम ही खर्च की गई और 278 संसदीय क्षेत्रों का MPLAD फंड खर्च ही नहीं हुआ, 223 सांसदों ने केंद्र सरकार से MPLAD फंड की मांग ही नहीं की, तो इस तरह हमारे देश का विकास हमारे नेताओं द्वारा किया जा रहा है कि सरकार द्वारा क्षेत्रीय हिस्से के हक में दिया गया फंड भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
और हमारे सांसदों को सारी सुविधाओं के रूप में प्रतिवर्ष जल बोर्ड की तरफ से 4000 किलो लीटर पानी मुफ्त में मिलता है,
प्रतिवर्ष 50000 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाती है,
तीन टेलीफोन के लिए प्रतिवर्ष 50 हजार लोकल कॉल्स फ्री मिलती हैं,
1 साल में 34 बार हवाई यात्रा वह अपने किसी एक साथी के साथ कर सकते हैं.
इसके लिए सरकार द्वारा उनकी यात्रा के खर्च का 125% भुगतान किया जाता है और ट्रेन में सांसद एसी फर्स्ट क्लास में परिवार के साथ मुफ्त यात्रा भी कर सकता है.

“एक पंक्ति में यह भी कहा जा सकता है कि विधायक या सांसद बनने के बाद; जीवन के अंत तक जीवन सुरक्षित हो जाता है।”