"हमारी सेना ने हवाई युद्ध किया, इसने प्राचीर को टक्कर दी, इसने हवाई अड्डों को अपने कब्जे में ले लिया, इसने वह सब किया जो इसे करना चाहिए था और ये हमारी जीत थी"
डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के झंडे के साथ |
ये सारी बातें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 जुलाई को दिए गए अपने एक घंटे लम्बे भाषण में कही। 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ट्रम्प राजधानी वाशिंगटन स्थित लिंकन मेमोरियल में एक सभा को सम्बोधित कर रहे थे।
पर उनसे उनके सम्बोधन के दौरान एक बहुत बड़ी गलती हो गयी। विदित है कि हवाई जहाज तथा लड़ाकू विमानों का आविष्कार 20 वीं शताब्दी में हुआ था और अमेरिका के स्वतंत्रता की लड़ाई 18 वीं शताब्दी में लड़ी गयी थी। अपने इस गलती के कारण ट्रम्प की काफी किरकिरी हुई, जिसके बाद ट्रम्प ने सफाई भी दी।
इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर बहुत कुछ ख़ास रहा। राष्ट्रपति ट्रम्प के निर्देश पर राजधानी वाशिंगटन में सलामी परेड में सेना के टैंक प्रदर्शित किए गए। इस पर भी उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी। इन घटनाक्रमों को 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है।
नासा |
क्या आपको अमेरिका के स्वतंत्रता की कहानी पता है? अगर नहीं, तो चलिए! आज हम आपको अमेरिका के स्वतंत्रता की कहानी बताते हैं और साथ-साथ ये भी बताएँगे की वर्तमान समय में अमेरिका कैसे अपने इस शुभ अवसर को मना रहा है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन |
इन सब की शुरुआत 18वी शताब्दी में हुई। 18 वीं शताब्दी तक, उत्तरी अमेरिका लंदन से शासित था और इसमें डेलावेयर, पेंसिल्वेनिया, न्यू जर्सी, जॉर्जिया, कनेक्टिकट, मैसाचुसेट्स बे, मैरीलैंड, दक्षिण कैरोलिना, न्यू हैम्पशायर, वर्जीनिया, न्यूयॉर्क, उत्तरी कैरोलिना से मिलकर तेरह कॉलोनियों का समावेश था। मुख्य रूप से कृषि भूमि जो की 13 कॉलोनियों की थीं, उनका उनके हीं शासकों द्वारा दोहन किया गया। 1765 तक, अमेरिकियों ने प्रतिनिधित्व के बिना टैक्सेशन को समाप्त करने की मांग शुरू कर दी, संसद के सदनों में उनकी आवाज़ों को सुनने के लिए कहा।
अप्रैल 1775 में जब क्रांतिकारी युद्ध शुरू हुआ, तो कुछ उपनिवेशवादियों ने ग्रेट ब्रिटेन से पूर्ण स्वतंत्रता की इच्छा की और ऐसा करने वाले लोग कट्टरपंथी माने गए। अगले वर्ष के मध्य तक, ब्रिटेन के खिलाफ बढ़ती शत्रुता और क्रांतिकारी भावनाओं के प्रसार के कारण कई और उपनिवेशवादी स्वतंत्रता के पक्ष में आ गए थे।
7 जून को, जब महाद्वीपीय कांग्रेस, फिलाडेल्फिया में पेंसिल्वेनिया स्टेट हाउस (बाद में इंडिपेंडेंस हॉल) में मिली, तो वर्जीनिया के प्रतिनिधि रिचर्ड हेनरी ली ने कॉलोनियों की स्वतंत्रता के लिए प्रस्ताव पेश किया। 2 जुलाई को, कॉन्टिनेंटल कांग्रेस ने एक सर्वसम्मत मत से स्वतंत्रता के लिए 'ली' के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, काफी बहस और संघर्ष के बाद आखिरकार अमेरिका को स्वतंत्रता मिली। अमेरिका को आज़ादी दिलाने में जॉर्ज वाशिंगटन, बेंजामिन फ्रेंक्लिन, जॉन एडम्स, बेट्सी रॉस आदि ने मुख्य भूमिका निभाई।
क्या आपको पता था? जॉन एडम्स का मानना था कि अमेरिकी स्वतंत्रता के जन्म का जश्न मनाने के लिए 2 जुलाई की तारीख़ सही रहेगी। लेकिन बाद में 4 जुलाई की तारीख़ तय हुई और उसी दिन अमेरिका को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। जॉर्ज वाशिंगटन इस सुपर पावर के पहले राष्ट्रपति बने।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का ट्वीट |
आज अमेरिका को स्वतंत्र हुए 243 वर्ष हो गए हैं। तब से अब तक अमेरिका ने एक लम्बा रास्ता तय किया है। एक ऐसा देश जिसपे कभी ग्रेट ब्रिटेन का राज़ था आज विश्व पर राज़ कर रहा है। टेक्नोलॉजी से ले कर खेल जगत, हर जगह इसका ही बोलबाला है। अपोलो 11 से लेकर, ओलंपिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने तक, इस देश ने सर्वांगीण विकास किया है। इसमें कहीं न कहीं आज़ादी के बाद हुए कुछ अति प्रतिभाषाली राष्ट्रपतियों का भी योगदान रहा है। जॉर्ज वाशिंगटन, अब्राहम लिंकन, जॉन फ केनेडी इन सबका बहुत बड़ा योगदान रहा है। हालाँकि आज़ादी के बाद अमेरिका को कई गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ा है, जिनमें आर्थिक मंदी, राष्ट्रपतियों की हत्या और रंग भेद मुख्य रहे हैं। रंग भेद पर तो कई आंदोलन भी हुए, काफी संघर्ष हुआ और इसके फलस्वरूप रंग भेद का अमेरिका में अंत हुआ। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा इसके जीते जागते उदाहरण हैं, जो की अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। पर आर्थिक मंदी की समस्या अभी भी बनी हुई है, जिसपे अमेरिका को अब काफी ध्यान देने की ज़रूरत है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश |
अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम और उमंग के साथ मनाया जाता है। हर साल इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी होती है, और सभी नागरिक मिल कर अपने इस शुभ दिन का जश्न मानते हैं। न्यूयोर्क, मासेचुसेट्स, ऑहियो, न्यू जर्सी, लॉस वेगास आदि शहरों की रौनक तो देखते बनती है। बच्चे बूढ़े जवान सब अपने इस पवित्र दिन को पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मानते हैं।
आज स्वतंत्रता के इतने वर्ष गुजरने के बाद अमेरिका को अपने सुनहरे अतीत में झांकना चाहिए और विश्व के सबसे ताकतवर देश होने के आधार पर विश्व शांति बनाये रखने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. छोटे तथा गरीब देशों को दबाने की बजाय उसे मदद के लिए आगे आना चाहिये। तभी जाकर अमेरिका असल मायनो में एक महान देश बन पायेगा।
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