दीपक जुगनू चाँद सितारे एक से हैं,
यानी सारे इश्क़ के मारे एक से हैं,
यानी सारे इश्क़ के मारे एक से हैं,
दरिया हूँ मैं, भेदभाव को क्या जानूं,
मेरे लिए तो दोनों किनारे एक से हैं,
मेरे लिए तो दोनों किनारे एक से हैं,
जिसके दिल में तू है मौला,उसके लिए,
मंदिर-मस्जिद और गुरूद्वारे एक से हैं। ''
मंदिर-मस्जिद और गुरूद्वारे एक से हैं। ''
---- नवाज़ देवबंदी