पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पर्यटन विभाग भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास रहा है; और भारत भी पर्यटन के रूप में एक विशेष उपलब्धि हांसिल करने में सफल रहा है। यदि आप भारत में हैं, तो आपको ये 3 चीजें जरूर देखना चाहिए
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Tourism in India |
1. ताज़ महल-
ताजमहल भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के दक्षिण तट पर एक संगमरमर का मकबरा है। आगरा का ताज महल दुनिया की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक है, यह मुमताज महल का मकबरा हैं। मुमताज महल यह दुनिया के नए सात आश्चर्यों में से एक है और आगरा में तीन विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। 1653 में, ताज महल का निर्माण मुगल राजा शाहजहां द्वारा किया गया था, जो शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल के लिए अंतिम विश्राम स्थान था।
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tazmahal |
इस स्मारक को बनाने के लिए 22 वर्षों (1630-1652) का कठिन परिश्रम लगा हुआ है। इसकी सुंदरता और बनावट निश्चित आपको आश्चर्य देगें। हर साल लाखों पर्यटक केवल ताजमहल देखने दुनिया के कोने-कोने से भारत आते हैं।
2. कुतुब मीनार-
मीनार भारत का सबसे ऊंचा स्मारक है और भारत में दूसरा सबसे बड़ा मीनार है। यह भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। कुतुब मीनार का व्यास आधार पर 14.32 मीटर और लगभग 2.75 मीटर और 72.5 मीटर की ऊँचाई के साथ शीर्ष पर है। यह स्मारक प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है और कई विदेशी इस अविश्वसनीय संरचना को देखने के लिए हर साल भारत की यात्रा करते हैं। यह UNESCO के वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल है।
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कुतुब मीनार |
कुतुब मीनार दिल्ली के मेहरुली भाग में स्थापित है। यह मीनार लाल पत्थर और मार्बल से बनी हुई है। ईस्वी सन् 1200 में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक क़ुतुब-उद-दिन ऐबक ने क़ुतुब मीनार का निर्माण शुरू किया। 1220 में ऐबक के उत्तराधिकारी इल्तुमिश ने क़ुतुब मीनार में तीन और मंजिल का निर्माण करवाया। 1369 में सबसे ऊँची मंजिल पर बिजली कड़की और इससे मंजिल पूरी तरह गिर गयी थी, इसीलिये फिरोज शाह तुग़लक़ ने फिर कुतुब मीनार के पुर्ननिर्माण का काम करवाया।
3. हुमायूँ का मकबरा-
हुमायूं की कब्र भारत में मुगल सम्राट हुमायूं की कब्र है। कब्र को हुमायूं की पहली पत्नी बेगा बेगम द्वारा 1569-70 में बनवाया था, और उनके द्वारा चुना फारसी वास्तुकार मिरक मिर्जा घायस द्वारा डिजाइन किया गया था। दिल्ली के हुमायूं का मकबरे भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण द्वारा संचालित है और फारसी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह कब्र भारतीय उपमहाद्वीप पर पहली बाग-कब्र थी।
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हुमायुं का मकबरा |
भारत के विभाजन के समय, अगस्त, 1947 में पुराना किला और हुमायुं का मकबरा भारत से नवीन स्थापित पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों के लिये शरणार्थी कैम्प में बदल गये थे। बाद में इन्हें भारत सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में ले लिया गया। ये कैम्प लगभग पांच वर्षों तक रहे और इनसे स्मारकों को अत्यधिक क्षति पहुंची, खासकर इनके बगीचों, पानी की सुंदर नालियों आदि को। फिर भी आज भी इसकी सुंदरता देखते ही बनती है और पर्यटकों में इसको लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता है।
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