“यदि आप वही करते हैं, जो आप हमेशा से करते आये हैं तो आपको वही मिलेगा, जो हमेशा से मिलता आया है!!” — टोनी रॉबिंस

talk 0 talk

कोरोना और विश्व का बदलता परिदृश्य

ज्यादातर अवधारणायें और सिद्धांत कहीं-न-कहीं गलत साबित हो ही जाते हैं। इन सब पर विश्वास करने की एक सीमा भी होती है। लेकिन कुछ पर विश्वास करना अनिवार्य बन जाता है क्योंकि उनसे ही विज्ञान या दूसरे अन्य विषय विकास की राह बनाते है। ऐसा ही एक कयास या अवधारणा कोरोना को लेकर है। जो तेज़ी से मनुष्यों को निगलता जा रहा है। अब स्पेन, इटली में कोई लाशों को उठाने वाला तक नहीं है। धीरे-धीरे विश्व के सभी देश इसके चपेटे में आ रहें हैं। अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था वाले देशों की भी हालत गंभीर है। धरती श्मशान घाट बनती जा रही है।लेकिन जो देश इससे सबसे पहले प्रभावित हुआ अब वहाँ से पार्टी करने और सब कुछ अच्छा होने की खबर आ रही है। चीनी मीडिया बता रहा है चीन ने इस महामारी को अपने यहाँ लगभग रोक दिया है। देखिये! क्या खेल चल रहा है वो महामारी जिसने अमेरिका और इटली जैसे अच्छे विकसित देशों की हालत खराब कर रखी है चीन ने तमाम दुनिया मे फैलने के बाद इस बीमारी को अपने यहाँ रोक दिया है। और उस समय जब विश्व के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था तबाह होने की राह पर है। 

 
चीन से प्रसारित वायरस से फैली दिक्कत (इमेज:यूएस चेंबर ऑफ़ कॉमर्स)

तो इस कहानी की पटकथा कुछ इस तरह से तैयार की गई- 




पहली घटना- 

इमेज: alja zeera 
चीन से खबर आती है कि चीन में गंभीर रूप से कोई बीमारी फैली है जिससे चीन में लोग बहुत तेज़ी से मर रहें हैं। चीन अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है। और खबर फैलाता है कि चीन की अर्थव्यवस्था पिछड़ने वाली है। कुछ समय बाद---



दूसरी घटना- 

चीनी मुद्रा का अवमूल्यन होता है फिर भी वे कुछ प्रयास नही करते।शांत होकर अगली घटना के लिये तैयार होते हैं।

तीसरी घटना- 

यूरोप और अमेरिका के कंपनियों के व्यापार में कमी के  कारण इसनके शेयर बाजार में 40% तक नीचे  गिर जाते हैं। अब चीन इस संपूर्ण नाटक को चरम स्थिति में ले जाने की तैयारी में है।



चौथी घटना- 


इमेज: इंडस्ट्री वीक 

अब खबर आती है कि दुनियाभर में वायरस फैल चुका है। लोग मर रहे हैं। देशों की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ती जा रही है। तब चीन यूरोप और अमेरिका की कंपनियों के शेयर 30% से भी कम दाम पर खरीद लेता है वो भी उस स्थिति में जब दुनियाभर के सारे व्यपार-धंधे बन्द पड़े हैं।



पांचवीं घटना- 

सुबह-सुबह विश्वभर में खबर फैलती है कि चीन ने इस बीमारी पर विजय पा ली है। वहाँ मौतों का सिलसिला रुक गया है। चीन अब कई यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों का मालिक है, चीन तय करता है कि यह कंपनियां चीन में रहें और $20000 बिलियन तक कमा सकती हैं। वहाँ अब व्यापार ने अपनी गति पकड़ ली है। बाजार की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है जब विश्वभर में धंधे बन्द हो रहे हैं।



तैयारी और व्यवस्था- 



चीन vs अमेरिका (एक आर्थिक युद्ध) इमेज: साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट 



चीन में वायरस फैलने के 2-3 हप्तों पहले ही 12,000 बेड वाले अस्पताल तैयार कर दिए कैसे? माना टेक्नलॉजी एडवांस है लेकिन इतनी चौकस पता नही था। ये बिल्कुल असाधारण बात है कि इतनी बड़ी व्यवस्था चीन ने केवल 2हप्तों में किया होगा। सम्पूर्ण तैयारी के साथ वायरस को फैलाया गया होगा। अब वो वीडियो जारी कर बता रहें हैं कि उन्होंने वायरस को रोक दिया है। कैसे? बिना अनुवांशिक जानकारी के उन्होंने किस तरह वायरस को रोक दिया। हो सकता है पहले से ही तैयारी हो और टिका या कोई दूसरी दवा उनके पास रही हो, जिसके लिये उन्होंने सालों तैयारी कर रखी हो। जिन-पिंग जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति हैं उन्हें पता है कि वे अमेरिका को सीधे युद्ध मे नही हरा सकते। तो बिना युद्ध के ही उन्होंने दुनिया भर में वायरस के माध्यम से व्यापार को ध्वस्त कर अमेरिका सहित यूरोपीय देशों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है। अब उनके कंपनियों के शेयर को चीनियों ने कम कीमतों पर खरीद लिया है। अब चीन निर्णय लेगा कि उनका बाजार किस तरह से चलेगा। इस सम्पूर्ण पटकथा को समझने के लिये कोई रॉकेट साइंस लगाने की जरूरत नहीं है केवल आप घटनाओं के क्रम को ध्यान से देखिए सम्पूर्ण नाटक अपने-आप सामने आ जायेगा।



अब चीन 1.18 ट्रिलियन अमेरिकी मुद्रा भंडारण वाले जापान के बाद सबसे ज्यादा अमेरिकी मुद्रा रखने वाला देश बन गया है। आप खुद सोचिये जब ये वायरस वुहान में फैला तो बीजिंग में इससे लोग की मृत्यु क्यों नही हुईहो सकता है आने वाले समय मे यह अवधारणा सच हो जाये कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था चीन के अनुसार ढल जाए।मैने पहले ही कहा था कि कुछ अवधारणायें विश्व और विज्ञान की दशा व दिशा तय करती हैं।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ