साहिर लुधियानवी का नाम सुनते ही ज़ेहन में कुछ रोमांच सा आ जाता है
उनकी रोमांस की शायरी और गाने तो सभी ने सुने ही हैं तो आइये TALK0TALK मिलाता है उनकी एक छोटी सी कविता से
फोटो - talk0talk,T0T |
क्योंकि! अंदाज़ शायराना है...
हर चीज़ ज़माने की जहां पर थी वहीं हैएक तू ही नहीं है
नज़रें भी वही और नज़ारे भी वही हैं
ख़ामोश फ़ज़ाओं के इशारे भी वही हैं
कहने को तो सब कुछ है मगर कुछ भी नहीं है
हर अश्क में खोई हुई ख़ुशियों की झलक है
हर सांस में बीती हुई घड़ियों की कसक है
तू चाहे कहीं भी हो तेरा दर्द यहीं है
हसरत नहीं अरमान नहीं आस नहीं है
यादों के सिवा कुछ भी मेरे पास नहीं है
यादें भी रहें या न रहें किसको यक़ीं है
- साहिर लुधियानवी
1 टिप्पणियाँ
Bhaut khub
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