“यदि आप वही करते हैं, जो आप हमेशा से करते आये हैं तो आपको वही मिलेगा, जो हमेशा से मिलता आया है!!” — टोनी रॉबिंस

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उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से, तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है

एक सादे से आम जीवन के पहलुओं को भी अगर कोई शायरी में या तो किसी कविता में उतार दे असल में वही तो असली शायर है, talk0talk आपके लिए लाया है बशीर बद्र जी की वो ग़ज़लें जो आपके दिल में उतर जाएँगी क्या प्रेम क्या दीवानापन वाह ! क्या खूब लिखा है। 

इश्क के कुछ लफ्ज़ ज़ुबान पर चढ़ जाए ! चलिए इन्हे सुनते हैं .....

क्योंकि अंदाज़ शायराना है ...  

दो ग़ज़ल आपके सामने पेश है 

1. 
फोटो सोर्स - unixtitan.net

वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है 
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है 
महक रही है ज़मीं चांदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मुहब्बत पे मुस्कुराया है 
उसे किसी की मुहब्बत का ऐतबार नहीं
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है 
तमाम उम्र मेरा दम उसके धुएँ से घुटा
वो इक चराग़ था मैंने उसे बुझाया है

- बशीर बद्र 

2. 
फोटो सोर्स- paintingandframe.com
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला
घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी ना मिला
तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड आया था
फिर इसके बाद मुझे कोई अजनबी ना मिला
बहुत अजीब है ये कुरबतों की दूरी भी
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी ना मिला
खुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैंने
बस एक शख्स को मांगा मुझे वही ना मिला

- बशीर बद्र 

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