“यदि आप वही करते हैं, जो आप हमेशा से करते आये हैं तो आपको वही मिलेगा, जो हमेशा से मिलता आया है!!” — टोनी रॉबिंस

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महबूबा मुफ्ती के इरादे इतने नापाक क्यों होते जा रहे हैं


मेहबूबा मुफ़्ती 

               हाल ही में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक ऐसा बयान दिया जो किसी भी भारतीय को पसंद नहीं आएगा।अनुच्छेद 370  का जिक्र करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यदि अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाया जाता है तो भारत और जम्मू कश्मीर के बीच सभी रिश्ते खत्म हो जाएंगे । आपको बता दें अनुच्छेद370 जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है।
  पीडीपी प्रमुख ने कहा "यदि धारा 370 खत्म की जाती है तो मुस्लिम बहुल क्षेत्र भारत का हिस्सा बनना पसंद नहीं करेगा।क्या आप उस पुल को तोड़ना चाहते हैं जिससे जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बना हुआ है? तो आपको जम्मू कश्मीर के साथ संबंधों को फिर से संगठित करना होगा?" गौरतलब है कि महबूबा समय-समय पर अनुच्छेद 35A और 370 को लेकर बयान देती रहती हैं। इससे पहले वो अपने बयान 35 A को लेकर काफी चर्चा में आ गई थी जब उन्होंने कहा था कि "यदि 35A पर हमला किया जाता है तो पता नहीं कश्मीर के लोग भारत का झंडा छोड़कर कौन सा झंडा थाम लेंगे।"
             महबूबा मुफ्ती की ऐसी बयानबाजी प्राय: अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए ही होती हैं।जिसमें से ज्यादातर बयानबाजी वे जम्मू कश्मीर के एक समुदाय विशेष का वोटबैंक अपनी ओर आकर्षित करने के लिए करती हैं।साथ ही वे जम्मू कश्मीर को मुस्लिम बहुल क्षेत्र बताकर और अतिशयोक्ति युक्त भड़काऊ भाषण देकर हमेशा जम्मू कश्मीर और जम्मू कश्मीर के लोगों को शेष भारत से अलग बताने के प्रयास में रहती हैं, ताकि अलगाववाद और घृणा की राजनीति के माध्यम से वे देश और सरकार पर दबाव बनाने में सफल हो सके। जब संविधान में यह साफ -साफ कह दिया गया है कि 35A अथवा धारा 370 को हटाने का आखिरी  फैसला चुनी हुई जम्मू कश्मीर की राज्य सरकार का ही होगा।तो इस तरह की उनकी बयानबाजी को केवल मूर्खतापूर्ण बातें ही मानी जा सकती हैं जो कि एक निश्चित राजनीतिक लक्ष्योंसे युक्त हैं,जो न तो जम्मू-कश्मीर और ना ही भारत के हित में है।