“यदि आप वही करते हैं, जो आप हमेशा से करते आये हैं तो आपको वही मिलेगा, जो हमेशा से मिलता आया है!!” — टोनी रॉबिंस

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आज का ये दिन ऐतिहासिक है

 1938 के कांग्रेस के हीरापुरा अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस जो सालों से कांग्रेस के कार्यकर्त्ता के रूप में देश की सेवा में लगे हुए थे ,पहली बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने कई मूलभूत सुधार कांग्रेस में करने की शुरूआत की। फलतः 1939 के त्रिपुरी अधिवेशन में वे कई पुराने कांग्रेस के नेताओं की आँखों में खटकने लगे।





जब उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक गणतांत्रिक रूप दिखाना चाहिए और संगठन के चुनाव में किसी बड़े नेता के दखल से कांग्रेस को बचना चाहिए ;जिसका परिणाम ये रहा कि ये कांग्रेसी नेता सुभाष के खिलाफ अफवाहें फैलाते और गांधी जी को भी सुभाष के विरुद्ध करने का पूरा प्रयास करते।  परिणामस्वरूप चुनाव में सुभाष विजयी रहे ;लेकिन खराब राजनीति का शिकार होने के कारण और गांधी जी की आज्ञा का पालन करते हुए उन्हें अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा और अंततः उन्हें कांग्रेस  से भी निकाल दिया गया।

mohammad ali jinna, mahatma gandhi, subhash chandra bose and pandit jawahar lal nehru
 भारतीय कांग्रेस 
अब आप सोच रहे होंगे कि आज हम आपको ये क्यों बता रहे हैं ;तो यह इसलिए क्योंकि आज ही के दिन 22 जून1939 को  महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने  ‘ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना थी। भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान हुई यह एक ऐतिहासिक राजनीतिक घटना थी।  नेताजी ने कांग्रेस को जनता की स्वतंत्र होने की इच्छा, लोकतंत्र और क्रांति का प्रतीक बनाने के लिए पार्टी के भीतर ही फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया था। हालांकि इसने कांग्रेस को दो हिस्सों में बांटने का काम किया। फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना के कुछ दिनों बाद ही नेताजी को कांग्रेस से निकाल दिया गया था। आजादी के बाद इसे अलग राजनीतिक दल के रूप में पुनर्स्थापित किया गया।

gandhi and bose in congress assembly
कांग्रेस अधिवेशन 

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