लम्बी अटकलों के बाद आखिरकार राहुल गाँधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले पर किसी किंतु-परंतु की गुंजाइश खत्म करने के लिए 3 जुलाई को सबसे पहले तो अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट के जरिये अपना इस्तीफा सार्वजनिक किया। इसके कुछ समय बाद उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से 'कांग्रेस अध्यक्ष' का टैग भी हटा लिया। लोक सभा चुनाव 2019 के परिणाम आने के बाद से ही राहुल गाँधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की ज़िद्द पर अड़े हुए थे। हालाँकि कांग्रेस के लगभग सभी नेता ऊपर से तो यही कह रहे थे कि राहुल गाँधी को अध्यक्ष बने रहना चाहिए लेकिन अंदर से शायद उनकी महत्वकांक्षाएं ये थी कि राहुल गाँधी इस्तीफा दे और शायद उन्हें अध्यक्ष बनने का मौका मिले।
लगभग सवा महीना लम्बे चले इस पुरे प्रकरण में बहुत कुछ हुआ। सोनिया गाँधी, प्रियंका गाँधी वाड्रा, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, मलिकार्जुन खड़गे और कमलनाथ सहित कई वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने राहुल गाँधी से बार बार आग्रह किया कि इस्तीफा देने से पहले वे एक बार इस पर विचार अवश्य करें। लेकिन राहुल गाँधी पर तो जैसे इस्तीफा देने का भूत सवार था। हालाँकि कांग्रेस कार्य समिति (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) ने राहुल गाँधी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। आखिरकार राहुल गाँधी को खुद ही अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके चार पन्नो की चिट्टी पोस्ट करनी पड़ी, जिसमे उन्होंने लिखा 'कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी'. 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए लिखा 'अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. इसलिये अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।'
tweet of rahul gandhi |
यह एक अलग विषय है कि राहुल गाँधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहने या न रहने से कांग्रेस को कोई फायदा या नुकसान होता है या नहीं। खैर! कांग्रेस के ही एक नेता के शब्दों में कहें तो 'हुआ तो हुआ', अब जब राहुल गाँधी ने इस्तीफा दे ही दिया है और यह उनकी ज़िद्द ही है कि किसी और को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाये तो शायद कांग्रेस कार्यकारी समिति को भी उनकी यह बात माननी ही चाहिए और इसे 'हुआ तो हुआ' समझ कर नए अध्यक्ष कि तलाश शुरू कर देनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी के भविष्य का फैसला पार्टी की शीर्ष निर्णय इकाई कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक में होगा जोकि अगले सप्ताह की शुरूआत में बैठक होने की संभावना है।
अब आते है मुख्य मुद्दे पर कि आखिर कौन होगा कांग्रेस का नया राष्ट्रिय अध्यक्ष। यह भी कांग्रेस के लिए एक असमंजस कि स्थिति है क्योंकि अध्यक्ष कि नियुक्ति बेशक कांग्रेस कार्यकारी समिति करेगी लेकिन इस मसले को लेकर पूरी कांग्रेस दो गुटों में बनती हुई है। एक वो गुट जो किसी अनुभवी और वरिष्ठ नेता को पार्टी अध्यक्ष बनाने के लिए सहमत है, वहीं दूसरी और एक गुट ऐसा भी है जो किसी युवा नेता को कांग्रेस की कमान देना चाहता है। जो भी हो, एक बात तो तय है कि नया पार्टी अध्यक्ष गैर गाँधी होगा। अर्थात गाँधी परिवार की बजाये किसी अन्य नेता को पार्टी अध्यक्ष बनाया जायेगा। अगर ऐसा न होता तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा के पार्टी अध्यक्ष बनने कि पूरी सम्भावना थी। चूँकि लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्हें अध्यक्ष बनाने कि मांग उठती रही है।
नीचे हम कुछ नाम बता रहे है जिनके अगला कांग्रेस अध्यक्ष बनने कि सम्भावना है।
1. ज्योतिरादित्य सिंधिया
युवा नेताओं में से सबसे ज्यादा संभावित नेता हैं ज्योतिरादित्य सिंधीया। जब राहुल गाँधी राष्ट्रिय अध्यक्ष बने तब से सिंधिया उनके करीब माने जाते हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया गया था। मध्य प्रदेश में भी इनकी काफी लोकप्रियता है। भोपाल में हाल ही में इनको राष्ट्रिय अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर पोस्टर लगे थे। लेकिन इस बार चुनाव में अपनी गुना लोक सभा सीट को बचने में भी ये असफल रहे जिससे कमल नाथ खेमे में इनका विरोध भी हुआ है।
2.अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पार्टी अध्यक्ष बनाने की पूरी संभावना है। उन्होंने ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालाँकि लोकसभा चुनाव में वह पार्टी के लिए कुछ खास नहीं कर पाए।
3.सचिन पायलट
राजस्थान विशन सभा चुनाव में सरकार बनाने में अहम् भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाये जाने की पूरी संभावना थी, लेकिन अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया। अब हो सकता है कि उनकी काबिलियत के दम पर उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए।
4. सुशिल कुमार शिंदे
पूर्व ग्रह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशिल कुमार शिंदे का नाम भी पार्टी अध्यक्ष के रूप में सामने आ रहा है।
5. कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कप्तान अमरिंदर सिंह भी इस रेस में शामिल थे लेकिन उन्होंने ट्वीट करके कांग्रेस कार्यकारी समिति को एक युवा अध्यक्ष नियुक्त करने की सलाह दी है। इससे साफ़ ज़ाहिर है की वो खुद इस पद को संभालने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन अगर कांग्रेस कार्यकारी समिति आदेश देती है तो शायद उन्हें मानना पड़े।
6. शशि थरूर
पार्टी के पुराने नेता शशि थरूर को भी अगला पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। थरूर त्रिवणात्पुरम से सांसद कांग्रेस के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ काफी पड़े लिखे भी है।
7. मलिकार्जुन खड़गे
16वीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता और विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे को भी कांग्रेस पारी अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा सकते है। खड़गे को संगठन का अनुभव भी है और वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही भी है।
इन सब के अलावा कर्ण सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आज़ाद, तरुण गोगोई समेत अन्य कई वरिष्ठ नेता पार्टी में है जिन्हे अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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